नई दिल्ली: भले ही शेयर बाजार ने साल के अंत से पहले नई ऊंचाइयों को छूने की कोशिश की, लेकिन आम निवेशकों की जेबें उम्मीद के मुताबिक नहीं भरीं। बाजार में पूरे साल उतार-चढ़ाव जारी रहा। कभी टैरिफ को लेकर चिंता, कभी रुपये की कमजोरी, कभी विदेशी निवेशकों की बिकवाली—इन सभी कारणों से बाजार अस्थिर बना रहा। नतीजा यह हुआ कि सूचकांक मजबूत तो दिखा, लेकिन मुनाफा सीमित ही रहा।
किन शेयरों ने बाजार पर कब्जा जमाया, कौन से शेयर पीछे रह गए
लार्ज-कैप शेयरों का प्रदर्शन पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर रहा। बैंकिंग, ऑटो और मेटल सेक्टर ने बाजार को सहारा दिया, जबकि मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों में खास तेजी नहीं दिखी। आईटी और एफएमसीजी जैसे सेक्टर अपेक्षाकृत कमजोर रहे। एक समय सितंबर 2024 के उच्चतम स्तर से बाजार में लगभग 17 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, हालांकि बाद में निफ्टी ने जोरदार वापसी की।
घरेलू निवेशकों का आत्मविश्वास महत्वपूर्ण क्यों था?
इन तमाम उतार-चढ़ावों के बीच घरेलू निवेशकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही। जहां विदेशी निवेशक लगातार बिकवाली कर रहे थे, वहीं घरेलू निवेशकों ने एसआईपी और प्रत्यक्ष निवेश के जरिए बाजार को नियंत्रण में रखा। आईपीओ बाजार में भी अच्छी हलचल देखने को मिली, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि निवेशकों का भरोसा पूरी तरह से नहीं टूटा है।
2026 में निफ्टी किस दिशा में जा सकता है?
कोटक सिक्योरिटीज के अनुमानों के अनुसार, आने वाले दो वर्षों में कंपनियों की आय में अच्छी वृद्धि देखने को मिल सकती है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि वित्तीय वर्ष 2027 और 2028 में निफ्टी की आय मजबूत बनी रह सकती है। यदि स्थिति सामान्य बनी रहती है, तो निफ्टी दिसंबर 2026 तक लगभग 29,000 के स्तर तक पहुंच सकता है। यदि बाजार का माहौल बेहतर बना रहता है, तो यह 32,000 के स्तर को भी छू सकता है, जबकि नकारात्मक परिस्थितियों में इसके 26,000 तक गिरने का जोखिम रहेगा।
2026 में किन क्षेत्रों पर नजर रखनी चाहिए?
बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा और आतिथ्य क्षेत्र अगले वर्ष के लिए बेहतर माने जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में मांग, निवेश और लाभ की संभावनाएं मजबूत बताई जा रही हैं।
सोना और चांदी असली सितारे बन जाते हैं, शेयर नहीं।
शेयर बाजार ने औसत रिटर्न दिया, वहीं सोने और चांदी ने निवेशकों को चौंका दिया। वायदा बाजार में सोने ने लगभग 71 प्रतिशत का रिटर्न दिया, जिसमें वैश्विक अनिश्चितता और रुपये की कमजोरी की अहम भूमिका रही। चांदी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और 121 प्रतिशत तक का मुनाफा कमाया। सुरक्षित निवेश की मांग और आपूर्ति में कमी के कारण इसकी कीमतें ऊंची बनी रहीं।
विशेषज्ञ क्या सलाह दे रहे हैं?
कोटक सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक और सीईओ श्रीपाल शाह का मानना है कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की विकास गाथा मजबूत बनी हुई है। उनका कहना है कि शेयर बाजार में दीर्घकालिक निवेश के अवसर अभी भी मौजूद हैं, जबकि सोना 2026 में भी सुरक्षित निवेश का एक विश्वसनीय विकल्प बना रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की एक बड़ी आबादी अभी भी निवेश से दूर है, जिससे आने वाले वर्षों में नए अवसर पैदा हो सकते हैं।

























