ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन ने सोमवार से H-1B वीज़ा और H-4 वीज़ा एप्लिकेंट्स की जांच का आदेश दिया है। यह जांच आज (सोमवार) से शुरू होगी। जांच के दौरान सभी की सोशल मीडिया प्रोफाइल भी चेक की जाएगी। ट्रंप एडमिनिस्ट्रेशन ने नया आदेश जारी कर कहा है कि 15 दिसंबर से H-1B वीज़ा के लिए अप्लाई करने वालों और उनके डिपेंडेंट्स की ऑनलाइन प्रेजेंस का रिव्यू किया जाएगा।
स्टूडेंट्स पहले से ही इस रिव्यू के दायरे में थे। वहीं, अब US एडमिनिस्ट्रेशन ने ऑनलाइन प्रेजेंस के साथ-साथ सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच का भी आदेश दिया है। साथ ही, H-1B वीज़ा और H-4 वीज़ा एप्लिकेंट्स और उनके डिपेंडेंट्स भी इस जांच के दायरे में आएंगे।
US डिपार्टमेंट के आदेश
US डिपार्टमेंट के मुताबिक, “स्क्रीनिंग प्रोसेस को आसान बनाने के लिए सभी वीज़ा एप्लिकेंट्स की सोशल मीडिया प्रोफाइल भी देखी जाएगी। सभी लोगों को अपनी प्रोफाइल प्राइवेट से पब्लिक करने का निर्देश दिया गया है।”
US स्टेट डिपार्टमेंट का कहना है कि US वीज़ा मिलना अपने आप में एक खास अधिकार है। इसलिए, वीज़ा देने से पहले पूरी जांच करना बहुत ज़रूरी है। इस दौरान डिपार्टमेंट उन लोगों की पहचान करता है जो US आने के लायक नहीं हैं। ऐसे लोग नेशनल सिक्योरिटी के लिए खतरा बन सकते हैं।
इसका इंडियंस पर क्या असर पड़ेगा?
H-1B वीज़ा पाने वालों में लगभग 70% इंडियन हैं। भारत को फिस्कल ईयर 2024 में करीब 80,500 नए H-1B वीज़ा मिले, इसलिए इस सख्ती का सबसे ज़्यादा असर भारतीय प्रोफेशनल्स पर पड़ रहा है।
US एक नए प्रपोज़ल पर काम कर रहा है, जिसके तहत टूरिस्ट और बिज़नेस ट्रैवलर्स से भी पिछले 5 साल की सोशल मीडिया जानकारी मांगी जा सकती है। इससे UK, जर्मनी, फ्रांस, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के ट्रैवलर्स पर भी असर पड़ेगा, जो अब तक वीज़ा-फ़्री ट्रैवल करते थे।

























