नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट के मद्देनजर, सोमवार से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज 4 के उपायों को लागू कर दिया गया है। रविवार शाम 7 बजे तक दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 457 दर्ज किया गया, जो “सिवियर प्लस” श्रेणी में आता है। वश्यक वाहन: आवश्यक वस्तुएं लाने-ले जाने वाले ट्रकों को अनुमति है। इसके अलावा, LNG, CNG, इलेक्ट्रिक पावर या BS-VI डीजल पर चलने वाले वाहन दिल्ली में प्रवेश कर सकते हैं।
सार्वजनिक परिवहन और आपातकालीन सेवाएं: दिल्ली-एनसीआर में बसे हुए लोगों की गतिशीलता बनाए रखने के लिए मेट्रो, बसें और आपातकालीन वाहन संचालित होते रहेंगे।
ऑनलाइन और वर्क-फ्रॉम-होम कार्य
सभी निजी और सरकारी दफ्तरों को 50% क्षमता के साथ काम करने की अनुमति दी गई है, जबकि बाकी कर्मचारी घर से काम करेंगे।
शैक्षिक संस्थान: स्कूलों को ऑनलाइन क्लासेस संचालित करने की सलाह दी गई है, जबकि कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को सरकार के निर्देशों के अनुसार शारीरिक कक्षाएं संचालित करने की अनुमति दी गई है।
GRAP स्टेज 4 में क्या प्रतिबंधित है?
भारी वाहन प्रतिबंध: दिल्ली में पंजीकृत डीजल चालित मध्यम और भारी मालवाहन (BS-IV या उससे कम) पर प्रतिबंध लगाया गया है, सिवाय आवश्यक वस्तुओं को लाने-ले जाने वाले ट्रकों के। इसके अलावा, गैर-आवश्यक सामान लाने वाले ट्रकों को LNG, CNG, या BS-VI डीजल पर चलने पर ही प्रवेश मिलेगा।
हल्के वाणिज्यिक वाहन: गैर-आवश्यक हल्के वाणिज्यिक वाहनों (LCVs) को दिल्ली में प्रवेश से रोका गया है, सिवाय उन वाहनों के जो इलेक्ट्रिक, CNG, या BS-VI डीजल पर चलने वाले हों और आवश्यक वस्तुएं या सेवाएं लाने-ले जाने का कार्य करें।
निर्माण कार्यों पर रोक: सार्वजनिक इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं, जैसे कि सड़कों, हाइवे, फ्लाईओवर आदि, पर भी सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं।
स्कूलों में भौतिक कक्षाओं पर रोक: केवल कक्षा 10 और 11 के छात्र भौतिक कक्षाओं में उपस्थित हो सकते हैं, बाकी कक्षाएं ऑनलाइन होंगी। हरियाणा सरकार ने शनिवार को कक्षा 5 तक के सभी स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया था।
वर्क-फ्रॉम-होम: दिल्ली-एनसीआर के दफ्तरों को 50% क्षमता के साथ काम करने के लिए कहा गया है, और बाकी कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए निर्देशित किया गया है।
वायु प्रदूषण की स्थिति और प्रभाव
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 34 में से 32 मॉनिटरिंग स्टेशनों ने “सिवियर” AQI दर्ज किया, जिसमें 401 से 450 के बीच के AQI को “सिवियर” और 450 से ऊपर को “सिवियर प्लस” के रूप में वर्गीकृत किया गया है। यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे का कारण बन सकता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं वाले व्यक्तियों के लिए।
केंद्र के अनुसार, रविवार को दिल्ली के प्रदूषण का 15.8% हिस्सा वाहन उत्सर्जन से था, जबकि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से 25% प्रदूषण हुआ। मुख्य प्रदूषक पीएम2.5 है, जो गहरे फेफड़ों में प्रवेश कर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। अधिकारियों ने निवासियों से विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और पुरानी बीमारियों वाले लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी है।

























