स्पोर्ट्स न्यूज. भारत के हरफनमौला खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन ने जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अचानक सन्यास लेने का ऐलान किया, तो उन्हें हर तरफ से श्रद्धांजलियां मिलने लगीं। हालांकि, अश्विन का कहना है कि वे नहीं चाहते कि लोग उनके करियर का जश्न मनाएं या उनकी पूजा करें। उनके लिए खेल सभी व्यक्तियों से ऊपर है। 537 टेस्ट विकेट लेने वाले इस अनुभवी खिलाड़ी का कहना है कि वे क्रिकेट से जुड़ी कुछ मिथकों को तोड़ना चाहते हैं।
अपनी किताब और मिथक का खुलासा
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल एथरटन और नासिर हुसैन के साथ वर्चुअल बातचीत में अश्विन ने अपनी आत्मकथा “आई हैव द स्ट्रीट्स: ए कुट्टी क्रिकेट स्टोरी” के बारे में जानकारी दी। इस किताब को जुलाई 2024 में प्रकाशित किया गया था। बातचीत के दौरान अश्विन ने बताया कि लोग अक्सर सोचते हैं कि वे बेहद गंभीर खिलाड़ी हैं और विराट कोहली की तरह खेल का आनंद नहीं लेते। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह धारणा गलत है।
अश्विन ने कहा…
“जब लोग मुझे सिर्फ गंभीर खिलाड़ी मानते हैं, तो मुझे लगता है कि उन्होंने मुझे सही तरह से नहीं समझा। मैं खेलते वक्त पूरी तरह उसमें डूब जाता हूं। जब देश के लिए टेस्ट मैच जीतने की जिम्मेदारी मेरे कंधों पर होती है, तो मैं पूरी तरह केंद्रित हो जाता हूं। यही कारण है कि लोग मुझे हमेशा गंभीर मान लेते हैं। लेकिन यह पूरी सच्चाई नहीं है।”
कहानी के MVP
भारतीय क्रिकेट ने सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे महान खिलाड़ियों को देखा है, जिन्हें अक्सर देवताओं की तरह पूजा जाता है। हालांकि, अश्विन का मानना है कि क्रिकेट एक टीम गेम है, और किसी एक खिलाड़ी को सबसे ऊपर रखना ठीक नहीं। लेकिन अश्विन के लिए, वे हमेशा अपनी कहानी के “सबसे मूल्यवान खिलाड़ी” (MVP) रहे हैं।
व्यक्तिगत सफर और प्रेरणा
“लोग भारतीय क्रिकेट में सिर्फ बड़े नामों की बात करते हैं। लेकिन मैं चाहता हूं कि हर किसी की कहानी को महत्व मिले। मेरे माता-पिता के लिए मैं MVP हूं, और मेरे लिए भी मैं अपने क्रिकेट का MVP हूं। यह बात मुझे हमेशा प्रेरित करती है। हर किसी की यात्रा अलग होती है, और हमें इसे समझना चाहिए।

























