भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग धोखाधड़ी से निजात पाने के लिए एक मजबूत योजना बनाई है। वास्तव में, केंद्रीय बैंक ने एक विशिष्ट संख्या सीमा से बैंकिंग कॉल और संदेश भेजने के खिलाफ सलाह दी है। इसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को धोखाधड़ी वाले कॉल और संदेशों को आसानी से पहचानने में मदद करना है। इसके लिए आरबीआई ने शुक्रवार को बैंकों से कहा कि वे ग्राहकों के साथ लेनदेन के लिए केवल ‘1600xx’ फोन नंबर श्रृंखला का उपयोग करें, ताकि वित्तीय धोखाधड़ी को रोका जा सके। आरबीआई का कहना है कि बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को ‘140xx’ नंबर श्रृंखला का उपयोग केवल प्रचार संदेशों या कॉल के लिए करना चाहिए। प्रत्येक बैंक को 31 मार्च 2025 से पहले आरबीआई के नए दिशानिर्देशों को लागू करना होगा।
धोखाधड़ी रोकने के लिए आरबीआई के प्रयास
आरबीआई का कहना है कि डिजिटल लेनदेन में बढ़ोतरी हुई है। इससे निजात पाने के लिए आरबीआई ने एक परिपत्र जारी कर कुछ प्रस्ताव रखे हैं। आपको बता दें कि आज के समय में ग्राहक के मोबाइल नंबर को आईडी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। खाता सत्यापन के लिए मोबाइल नंबर का उपयोग किया जाता है। ऐसे में ऑनलाइन भुगतान और लेनदेन अलर्ट और खाता अपडेट के लिए ओटीपी मोबाइल नंबर के जरिए प्राप्त होते हैं, जो धोखाधड़ी का कारण बन जाता है।
बैंकिंग धोखाधड़ी की घटनाओं में कमी
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2020 में करीब 8,703 बैंकिंग धोखाधड़ी हुईं, जो अगले साल यानी वित्त वर्ष 2021 में घटकर 7,338 रह गईं। हालाँकि, वित्तीय वर्ष 2022 में बैंकिंग धोखाधड़ी की घटनाएँ बढ़कर 9,046 हो गईं। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष में 13,564 बैंकिंग कार्यक्रम आयोजित किये गये। जबकि वित्तीय वर्ष 2024 में बैंकिंग धोखाधड़ी की सबसे अधिक 36,073 घटनाएं घटित होंगी।

























