दिल्ली -एनसीआर में बुधवार दोपहर को भीषण गर्मी ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए, वहीं शाम होते-होते अचानक मौसम ने अपना मिजाज बदला और पूरे इलाके में तबाही मचाने वाले तूफान ने अपनी गिरफ्त में ले लिया। करीब 20 मिनट तक चले इस भीषण तूफान और बारिश ने राजधानी क्षेत्र में कहर बरपा दिया। तेज हवाओं की रफ्तार 79 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच गई, जिससे हालात भयावह हो गए।
मौसम में अचानक परिवर्तन, अफरा-तफरी मची
आसमान में बादल छाने के साथ ही तेज हवाएं चलने लगीं और अचानक ओलावृष्टि के साथ मौसम बदल गया। लोगों को छतों और सुरक्षित स्थानों की तलाश करनी पड़ी। हवा की तेज गति के कारण कई जगहों पर पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। निजामुद्दीन इलाके में खंभा गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि गोकुलपुरी में पेड़ गिरने से 22 वर्षीय अजहर की जान चली गई। इस तरह के हादसे से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।
यातायात ठप्प, सड़कें तालाब में तब्दील
आंधी और बारिश ने दिल्ली-एनसीआर की सड़कों को जलमग्न कर दिया। जलभराव और पेड़ गिरने से ट्रैफिक जाम हो गया। कई मुख्य मार्गों पर आवाजाही ठप हो गई, जिससे आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई इलाकों में वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, लोग फंसे रहे। तेज हवाओं ने नोएडा सेक्टर 37 में एक बड़ा होर्डिंग भी उड़ा दिया, जो एक बड़े हादसे से टलने की वजह बना।
हवाई उड़ानों पर तूफान का साया
दिल्ली एयरपोर्ट पर भी मौसम का असर साफ देखने को मिला। कई उड़ानें देरी से या रद्द हुईं। श्रीनगर में तूफानी हवाओं में फंसने के बाद इंडिगो की फ्लाइट 6E2142 को इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। फ्लाइट का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन यात्रियों और क्रू मेंबर्स की जान सुरक्षित रही, जिसे पायलट की सूझबूझ ही कहा जा सकता है।
मेट्रो सेवाएं भी बाधित
तेज हवाओं के कारण दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन पर निजामुद्दीन के पास ट्रैक पर मलबा गिर गया, जिसके कारण मेट्रो सेवा को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा। डीएमआरसी ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया है और जल्द ही सेवाएं बहाल करने का आश्वासन दिया है। इस रुकावट के कारण यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा, लेकिन सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई।
मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी
मौसम विभाग ने स्पष्ट किया कि यह तूफान अस्थायी था लेकिन इसकी तीव्रता और तेज हवाओं के कारण नुकसान हुआ है। विभाग ने सतर्क रहने और मौसम की जानकारी लेते रहने की सलाह दी है। साथ ही ओलावृष्टि और तेज हवाओं के कारण कुछ इलाकों में कांच टूटने की घटनाएं भी सामने आई हैं।

























