Business News: एक दिन पहले ही आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी की बैठक के बाद ब्याज दरों में भारी कटौती की है। रेपो रेट में 0.50 फीसदी की कटौती के बाद होम लोन और दूसरी रिटेल ईएमआई पर काफी राहत मिलेगी। हालांकि, आरबीआई चालू वर्ष में पहले ही ब्याज दरों में 1 फीसदी की कटौती कर चुका है, जिससे आम लोगों को राहत मिली है। लेकिन उल्लेखनीय है कि आरबीआई गवर्नर ने पॉलिसी रेट में कटौती के बाद अपना रुख बदल लिया है।
नीतिगत दर यानी ब्याज दरों पर RBI का रुख उदार या मध्यम नहीं होगा। RBI ने अपना रुख बदलकर तटस्थ कर लिया है। अब जो भी फैसला लिया जाएगा, वह आंकड़ों और स्थिति को ध्यान में रखकर लिया जाएगा। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बहुत कम होगी। आइए आपको बताते हैं कि हम ऐसा क्यों कह रहे हैं और RBI गवर्नर ने क्या कहा है?
इस वर्ष एक प्रतिशत की कटौती
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती की घोषणा के बाद आगे और कटौती की गुंजाइश कम है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो दर को आधा प्रतिशत घटाकर 5.5 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही रिजर्व बैंक फरवरी से अब तक रेपो दर में कुल एक प्रतिशत की कटौती कर चुका है। मल्होत्रा ने द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा कि भविष्य की मौद्रिक नीति कार्रवाई आगामी आंकड़ों पर निर्भर करेगी।

























