इंटरनेशनल न्यूज. ईरान का फोर्डो एनरिचमेंट प्लांट दुनिया के सबसे सुरक्षित परमाणु स्थलों में से एक माना जाता है। यह स्थल तेहरान से करीब 95 किलोमीटर दूर और 80 मीटर गहरी एक पहाड़ी के भीतर छिपा है। इस गहराई और लोकेशन के कारण इसे पारंपरिक हथियारों से नष्ट करना लगभग असंभव है। अमेरिका की निगाहें लंबे समय से इस ठिकाने पर टिकी हैं, क्योंकि यहां यूरेनियम का संवर्धन खतरनाक स्तर तक किया जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, फोर्डो अब महज़ एक साइट नहीं, बल्कि रणनीतिक चुनौती बन चुका है। यही वजह है कि यह जगह अब दुनिया की बड़ी ताक़तों के निशाने पर है।
पर फिर से दुनिया की नज़रें टिकींफोर्डो
ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते युद्ध जैसे हालात ने फोर्डो एनरिचमेंट फैसिलिटी को एक बार फिर वैश्विक बहस का केंद्र बना दिया है। अमेरिका ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि वह इस परमाणु स्थल पर सैन्य हमले के विकल्प पर विचार कर रहा है। वहीं ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI6 के पूर्व प्रमुख जॉन सॉवर्स भी अमेरिका से फोर्डो को नष्ट करने की अपील कर चुके हैं। थिंक टैंक ‘नेशनल यूनियन फॉर डेमोक्रेसी इन ईरान’ से जुड़े विशेषज्ञ खुसरो इस्फ़हानी का भी कहना है कि इस पर हमला करने से इस्लामिक शासन पर काबू पाने का अवसर मिल सकता है। हाल ही में ईरानी मीडिया ने फोर्डो साइट के पास विस्फोटों की खबर दी थी, लेकिन किसी पुष्टि के बिना वो खबरें रहस्य बन गई हैं।
80 मीटर नीचे छिपा है ईरान का सबसे सुरक्षित प्लांट
फोर्डो ईरान की दूसरी सबसे बड़ी यूरेनियम संवर्धन साइट है, जो क़ोम शहर से 32 और तेहरान से 95 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी की गहराई में स्थित है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यही है कि यह ज़मीन से 80 मीटर नीचे बंकर जैसी जगह पर बना हुआ है, जिसे पारंपरिक बमों से तबाह करना लगभग नामुमकिन है। इसका निर्माण 2006 में गुप्त रूप से हुआ था और 2009 में इसके अस्तित्व का खुलासा हुआ था। इसी वजह से तब से ही यह अमेरिका और इजरायल की खुफिया एजेंसियों की निगरानी में है।
इजरायल के निशाने पर क्यों है फोर्डो?
इजरायल लंबे समय से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता रहा है। इसलिए फोर्डो और नतांज जैसी जगहें उसकी पहली प्राथमिकता बन चुकी हैं। पहले यहां ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड तैनात थे और इसकी सुरक्षा ईरानी-रूसी एयर डिफेंस से होती थी। लेकिन हाल ही में सामने आया है कि इजरायली हमलों से यह रक्षा कवच कमजोर हो गया है, जिससे फोर्डो अब पहले से ज्यादा उजागर हो गया है और किसी संभावित हमले के लिए सॉफ्ट टारगेट बन सकता है।
क्या बंकर बस्टर से तबाह होगा फोर्डो?
विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका ही एकमात्र ऐसा देश है जिसके पास फोर्डो जैसे गहरे प्लांट को तबाह करने की क्षमता है। उसके पास है GBU-57 नाम का बंकर बस्टर बम, जो 13,000 किलो वजनी है और पहाड़ की चट्टानों को भेद सकता है। इसके मुकाबले इजरायल के पास GBU-28 है जो केवल 6 मीटर तक ही असरदार है। पेंटागन ने ट्रंप प्रशासन को आश्वस्त किया था कि फोर्डो को उड़ाना संभव है, लेकिन अब तक यह बम किसी युद्ध में इस्तेमाल नहीं हुआ है। अगर हमला फेल हो गया, तो अमेरिका को एक लंबे और अनचाहे युद्ध में घसीटा जा सकता है।

























