ओपनएआई ने चीन से जुड़े चैटजीपीटी अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाया: एक बड़े कदम के तहत, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी ओपनएआई ने कई चैटजीपीटी अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। कंपनी का कहना है कि ये अकाउंट्स चीन समर्थित निगरानी प्रयासों में शामिल थे और चैटजीपीटी का इस्तेमाल करके निगरानी उपकरण, सोशल मीडिया लिसनिंग सिस्टम और प्रोफाइलिंग मॉडल विकसित करने की कोशिश कर रहे थे। ओपनएआई ने अपनी रिपोर्ट, “एआई के दुर्भावनापूर्ण उपयोगों को बाधित करना: अक्टूबर 2025” में इस कार्रवाई का विवरण दिया है।
चीन से जुड़े उपयोगकर्ताओं पर गंभीर आरोप
रिपोर्ट के अनुसार, चीन से जुड़े कई उपयोगकर्ताओं ने चैटजीपीटी से ऐसी परियोजनाएँ विकसित करने में सहायता मांगी थी जिनका उपयोग निगरानी के लिए किया जा सके। इनमें सोशल मीडिया लिसनिंग टूल, उच्च जोखिम वाले उपयोगकर्ता-संबंधी इनफ्लो चेतावनी मॉडल और सरकारी निगरानी प्रणालियों से संबंधित प्रयास शामिल थे। कथित तौर पर ये उपकरण संवेदनशील डेटा की पहचान और ट्रैकिंग के लिए विकसित किए जा रहे थे। हालाँकि, ओपनएआई ने स्पष्ट किया कि इन मॉडलों के वास्तविक अस्तित्व या उपयोग की पुष्टि नहीं हुई है।
संवेदनशील विषयों पर जानकारी मांगने का मामला
ओपनएआई की रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि कुछ उपयोगकर्ता चैटजीपीटी का इस्तेमाल एक शोध उपकरण के रूप में कर रहे थे। वे चीन से जुड़े संवेदनशील विषयों पर जानकारी इकट्ठा कर रहे थे, जिनमें 1989 का तियानमेन स्क्वायर नरसंहार, दलाई लामा का जन्मदिन और मंगोलिया में राजनीतिक याचिकाएँ शामिल थीं। एक मामले में, एक उपयोगकर्ता ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट के आयोजकों के धन स्रोत और पहचान के बारे में भी पूछा। हालाँकि, ओपनएआई ने स्पष्ट किया कि चैटजीपीटी केवल सार्वजनिक डेटा प्रदान करता है और किसी भी निजी या संवेदनशील जानकारी तक उसकी पहुँच नहीं है।
रूस से जुड़े खातों पर भी कड़ी कार्रवाई
रिपोर्ट में न केवल चीन, बल्कि रूस के भी अकाउंट्स का ज़िक्र था। ओपनएआई के अनुसार, रूस से जुड़े कुछ यूज़र्स चैटजीपीटी का दुरुपयोग फ़िशिंग टूल और अन्य साइबर हमलों के लिए कर रहे थे। कंपनी ने तुरंत ऐसे सभी अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगा दिया और कहा कि ये मामले एआई के दुरुपयोग के गंभीर उदाहरण हैं।
ओपनएआई ने कड़ी चेतावनी जारी की
ओपनएआई ने इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा है कि वह भविष्य में एआई के किसी भी सत्तावादी दुरुपयोग के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगा। कंपनी ने बताया कि उसके सिस्टम को लगातार अपडेट किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी उपयोगकर्ता चैटजीपीटी या उसके मॉडलों का इस्तेमाल राजनीतिक प्रचार, निगरानी या साइबर अपराध के लिए न कर सके। ओपनएआई की यह कार्रवाई एक बार फिर कृत्रिम बुद्धिमत्ता के बढ़ते युग में सुरक्षा और जवाबदेही के महत्व को दर्शाती है।

























