Business News: NRI को बड़ी राहत मिलीअमेरिका में बसे भारतीयों के लिए एक राहत भरी खबर आई है। ‘वन बिग ब्यूटीफुल बिल’ के नए ड्राफ्ट में रेमिटेंस टैक्स को घटा दिया गया है। पहले इस टैक्स को 5% तय किया गया था जिसे बाद में 3.5% किया गया, लेकिन अब अमेरिकी सीनेट ने इसे घटाकर सिर्फ 1% कर दिया है। इस फैसले से अमेरिका में रह रहे लाखों भारतीयों को सीधा फायदा होगा जो अपने परिवार को भारत में पैसा भेजते हैं। यह संशोधन अब रेमिटेंस को लेकर लोगों की सबसे बड़ी चिंता को हल करता है।
भारत भेजना होगा और आसानअब अमेरिका से भारत पैसा भेजना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो जाएगा। सीनेट की मंज़ूरी के बाद जैसे ही ये बिल कानून बनता है, वहां के बैंक और ट्रांसफर एजेंसियां भी इस नए टैक्स ढांचे के तहत काम शुरू कर देंगी। कम टैक्स का सीधा फायदा भारत में रह रहे परिजनों को मिलेगा, जिन्हें अब हर ट्रांजैक्शन पर कम पैसा कटेगा। लंबे समय से प्रवासी भारतीय इस मुद्दे को उठा रहे थे और अब जाकर उन्हें राहत मिली है।
पहले क्या था प्रस्ताव’वन बिग ब्यूटीफुल बिल
ड्राफ्ट में रेमिटेंस पर 5% टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा गया था। इस पर काफी विवाद हुआ और विरोध के चलते इसे 3.5% तक घटाया गया। लेकिन अब तमाम समीक्षाओं के बाद टैक्स को 1% पर स्थिर कर दिया गया है। ये फैसला अमेरिकी सीनेट में NRI और साउथ एशियन कम्युनिटी की अपीलों को ध्यान में रखते हुए लिया गया। इस बदलाव से न सिर्फ मौजूदा रेमिटेंस धारक बल्कि भविष्य में पैसा भेजने वालों को भी फायदा होगा। सीनेट के संशोधन की अहमियतसीनेट का यह संशोधन अमेरिका और भारत के बीच आर्थिक रिश्तों को और मजबूत कर सकता है। भारत में हर साल अरबों डॉलर अमेरिका से भेजे जाते हैं, और उस पर टैक्स बढ़ना चिंता का विषय था। अब इसे घटाकर 1% करने से ट्रांसफर फ्लो में रुकावट नहीं आएगी और ज़मीनी स्तर पर असर दिखेगा। आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक ‘ग्लोबल कम्युनिटी फ्रेंडली’ कदम है। अमेरिका में बसे भारतीयों ने इस फैसले का स्वागत किया है।
रुपये की आमद में इज़ाफा
रुपये की आमद में इज़ाफाकम टैक्स के चलते अब भारत में विदेशी मुद्रा की आमद में इज़ाफा हो सकता है। हर साल अमेरिका से भारत भेजी जाने वाली रकम करीब 120 अरब डॉलर के आसपास होती है। नए बिल के लागू होते ही यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। भारत सरकार भी इसे पॉजिटिव संकेत मान रही है क्योंकि यह चालू खाते के घाटे को कम करने में मदद करेगा। विदेशी मुद्रा भंडार पर इसका सीधा असर दिखेगा।
प्रवासी भारतीयों में खुशी
प्रवासी भारतीयों में खुशीइस फैसले से NRI समुदाय में जश्न का माहौल है। सोशल मीडिया पर लोग इस फैसले की तारीफ कर रहे हैं और इसे एक ‘ट्रांसफर फ्रेंडली पॉलिसी’ बता रहे हैं। कई लोग अब बड़ी रकम ट्रांसफर करने की योजना बना रहे हैं जो पहले टैक्स के डर से रुकी हुई थी। बैंकिंग सेक्टर और मनी ट्रांसफर कंपनियां भी अब ग्राहकों को नई सुविधाएं देने की तैयारी में हैं। ये राहत उनके लिए किसी तोहफे से कम नहीं।
अब क्या है आगे का रास्ता
अब क्या है आगे का रास्तासीनेट से बिल पारित हो चुका है, अब इसे अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में भी पास होना है। वहां से मंज़ूरी मिलने के बाद राष्ट्रपति इस पर अंतिम हस्ताक्षर करेंगे और फिर यह कानून का रूप ले लेगा। अगर सब कुछ समय पर हुआ तो जुलाई के मध्य से यह नया टैक्स ढांचा लागू हो सकता है। फिलहाल प्रवासी भारतीयों को उम्मीद है कि अब सरकारें प्रवासी हितों को गंभीरता से लेंगी और ऐसी नीतियां बनेंगी जो विदेश में बसे भारतीयों को जोड़कर रखें।

























