केरल के अलेप्पी और कुमाराकोम जैसे इलाकों में अब लोग ज़मीन पर नहीं, पानी पर रहना पसंद कर रहे हैं। वॉटर विला यानी एक ऐसी नाव जो अंदर से एक लग्ज़री होटल जैसे दिखती है। इनमें बेडरूम, बाथरूम, किचन और बालकनी तक होती है। टूरिस्ट इसे शांति और रोमांस के लिए पसंद करते हैं। खासकर हनीमून कपल्स और प्री-वेडिंग शूट के लिए ये फर्स्ट चॉइस बन चुका है। इसकी मांग साल भर बनी रहती है।
कमाई की नाव भी चलती है तेज़
एक फ्लोटिंग विला से आप ₹10,000 से ₹20,000 तक रोज़ कमा सकते हैं। यानी महीने का हिसाब लगाएं तो ₹3 लाख से ऊपर की आमदनी हो सकती है। सीज़न में ये दाम और भी बढ़ जाते हैं। कई हाउसबोट मालिक शादी और पार्टी के लिए बुकिंग लेकर एक रात में ₹50,000 तक भी कमा लेते हैं। इसके लिए बस नाव को अच्छे से सजाएं और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लिस्ट करें।
ज़मीन के झंझट से छुटकारा
अगर आपके पास ज़मीन नहीं है लेकिन थोड़ी सी बचत है, तो आप वॉटर विला में इन्वेस्ट करके कमाल कर सकते हैं। एक सिंपल हाउसबोट बनाने में करीब ₹20–25 लाख का खर्च आता है। लेकिन अगर आप थोड़ी रचनात्मकता दिखाएं, तो यही नाव आपका चलता-फिरता होटल बन जाती है। ज़मीन खरीदने, रजिस्ट्रेशन कराने, बिल्डिंग नक्शा पास कराने और सरकारी चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होती। यही इसकी सबसे बड़ी खासियत है। कई युवा सिर्फ नाव खरीदकर उस पर सजावट करके बुकिंग प्लेटफॉर्म पर डाल रहे हैं और तगड़ी कमाई कर रहे हैं। इसमें रिस्क कम और रिटर्न तेज है।
अगर आप चाहें तो इसे किश्तों में भी शुरू कर सकते हैं — पहले एक छोटी नाव से शुरुआत करें, फिर जैसे-जैसे आमदनी बढ़े, उसमें बेडरूम, डाइनिंग एरिया, हॉट वॉटर सिस्टम और सोलर लाइट जैसी सुविधाएं जोड़ें। अगर आप एक बार अच्छी क्वालिटी की बोट खड़ा कर दें, तो उसके मेंटेनेंस में भी ज्यादा खर्च नहीं आता। यह कारोबार उन लोगों के लिए भी बढ़िया है जो पढ़े-लिखे नहीं हैं, क्योंकि इसमें तकनीक से ज्यादा अनुभव और सेवा का भाव काम आता है। अगर आप एक स्थानीय नाविक हैं या नदी के पास रहते हैं, तो यह आपके लिए वरदान साबित हो सकता है। वॉटर विला अब महज एक कमाई का जरिया नहीं रहा — यह एक पहचान बन गई है।
टूरिज़्म का ट्रेंड बदल रहा है
अब लोग सिर्फ फोटो खिंचवाने या जगह देखने नहीं आते, वो यहां की ज़िंदगी को महसूस करने आते हैं। केरल का बैकवॉटर उन्हें वो शांति देता है, जो किसी मॉल या मेट्रो शहर में नहीं मिल सकती। सुबह नाव के किनारे पक्षियों की आवाज़, दोपहर में नारियल पानी के साथ लोकल लंच और शाम को नाव की बालकनी में बैठकर डूबते सूरज को निहारना — ये सब मिलकर टूरिस्ट को ऐसा अनुभव देते हैं जो वो कभी भूल नहीं पाते।
ये अनुभव अब यूट्यूब व्लॉग्स और इंस्टाग्राम रील्स की वजह से और ज़्यादा मशहूर हो चुका है। युवा जोड़े यहां प्री-वेडिंग शूट कराने आते हैं, शादी की छोटी पार्टियां तक नाव पर हो रही हैं। विदेशों से आने वाले टूरिस्ट महीनों तक की एडवांस बुकिंग करवा लेते हैं क्योंकि उन्हें शांति और प्राकृतिक सुंदरता की तलाश रहती है। इसीलिए हाउसबोट अब सिर्फ “स्टे” नहीं, बल्कि “एक्सपीरियंस” बन चुका है। जब लोग ये जगह छोड़ते हैं, तो अपने साथ सिर्फ यादें नहीं, बल्कि आपकी सर्विस की तारीफ लेकर जाते हैं। यही मुंहजबानी मार्केटिंग आपके कारोबार को आसमान तक पहुंचा सकती है।
गांवों को भी मिल रहा नया जीवन
जहां कभी गांवों से लोग शहर की ओर भागते थे, अब वहां से लोग लौटने लगे हैं। केरल के कई गांवों में अब युवा पढ़ाई या नौकरी छोड़कर अपने ही गांव में वॉटर विला चला रहे हैं। ये काम सिर्फ पुरुष नहीं, महिलाएं भी बखूबी संभाल रही हैं। कोई खाना बना रही है, कोई नाव की सफाई कर रही है, और कोई मेहमानों को लोकल संस्कृति सिखा रही है। इससे गांव के हर घर को रोजगार मिल रहा है।
कुछ जगहों पर ग्रामीणों ने मिलकर समूह बनाए हैं और मिलकर एक से ज्यादा हाउसबोट खड़ी की हैं। इसके चलते अब गांव की महिलाओं को भी आत्मनिर्भरता का अहसास हो रहा है। वॉटर विला ने गांव के बच्चों के लिए भी नई उम्मीदें जगाई हैं। अब उन्हें भी भरोसा हो गया है कि गांव में रहकर भी कमाया जा सकता है, वो भी ईमानदारी और सम्मान से। कुछ स्कूलों में अब टूरिज्म और हाउसबोट मैनेजमेंट सिखाने की पहल भी शुरू हो चुकी है। यानी वॉटर विला सिर्फ व्यापार नहीं, सामाजिक बदलाव का ज़रिया भी बन गया है।
टेक्नोलॉजी से बढ़ा बिजनेस
अब के जमाने में आप सिर्फ नाव बनाकर बैठ नहीं सकते — आपको उसे दुनिया तक पहुंचाना भी आता होना चाहिए। यही काम टेक्नोलॉजी करती है। आजकल अधिकतर हाउसबोट ऑनलाइन बुकिंग साइट्स जैसे Airbnb, Booking.com, MakeMyTrip और TripAdvisor पर लिस्ट होते हैं। इससे आपको दुनिया भर से ग्राहक मिलते हैं और सीधी कमाई होती है।
कई लोग अब वर्चुअल टूर भी बनवा रहे हैं, ताकि ग्राहक बुकिंग से पहले वीडियो देखकर तय कर सकें। डिजिटल पेमेंट सिस्टम, WhatsApp चैट सपोर्ट, ऑनलाइन फीडबैक जैसे फीचर्स ने ग्राहकों का भरोसा और बढ़ा दिया है। कुछ नावों पर तो IoT टेक्नोलॉजी के ज़रिए मोबाइल से रौशनी, पंखा, CCTV तक कंट्रोल किया जा सकता है। इससे आपकी नाव स्मार्ट बनती है और उसकी कीमत भी ज़्यादा मिलती है। टेक्नोलॉजी से अब गांवों के लोग भी वैश्विक बिजनेस का हिस्सा बन चुके हैं।
अब आपकी बारी है
अगर आपके पास ज़्यादा पढ़ाई नहीं है, लेकिन हौसला और मेहनत करने का जज़्बा है — तो वॉटर विला का आइडिया आपके लिए बना है। आज जब देश के हर कोने से लोग नौकरी जाने या महंगाई से परेशान हैं, तब केरल का यह तैरता हुआ कारोबार उम्मीद की नई किरण है। बस आपको शुरुआत करनी है।
आप एक साधारण नाव से शुरू करके धीरे-धीरे उसे वॉटर विला बना सकते हैं। शुरुआत में परिवार के लोग ही मदद करें, फिर जैसे-जैसे काम बढ़े, आप लोकल लोगों को भी रोजगार दे सकते हैं। सरकार भी ऐसे इको-टूरिज्म प्रोजेक्ट को बढ़ावा दे रही है, जिससे सब्सिडी और लोन की सुविधा भी मिल सकती है। अगर आप समय के साथ चलते हैं और सेवा में दिल लगाते हैं, तो आपकी नाव कभी नहीं डूबेगी। याद रखिए, अब घर ज़मीन पर नहीं बनते — वो पानी पर भी तैरते हैं और कमाते हैं।

























