बालीवुड न्यूज. जुबिन गर्ग ने अपनी मौत से चार दिन पहले खुद के हाथ से एक नोट लिखा था। उस नोट में उन्होंने लिखा—“रूको, थोड़ा और इंतज़ार करो, मेरी नई फिल्म आ रही है, आकर ज़रूर देखना, प्यार, जुबिन दा।” किसी ने नहीं सोचा था कि यह उनका आखिरी संदेश बन जाएगा। उनकी पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग ने यही नोट इंस्टाग्राम पर शेयर किया, जिसे पढ़कर हर किसी की आंखें नम हो गईं।
क्या गरिमा के शब्दों में छिपा दर्द?
गरिमा ने पोस्ट के साथ जो लिखा, उसमें एक पत्नी का दर्द साफ झलक रहा था। उन्होंने लिखा—“15 सितंबर को तुमने ये शब्द लिखे थे अपने चाहने वालों के लिए। अब मैं बस यही पूछती हूं, 19 सितंबर को क्या हुआ? क्यों हुआ?” उनके शब्दों में बेचैनी थी, सवाल थे और अधूरी मोहब्बत की चुप पुकार थी। उन्होंने कहा कि जब तक इन सवालों का जवाब नहीं मिलता, उन्हें सुकून नहीं मिलेगा।
क्या फिल्म ‘रॉय रॉय बिनाले’ अब प्रतीक बनेगी?
जुबिन गर्ग की आखिरी फिल्म ‘रॉय रॉय बिनाले’ अब उनकी याद का प्रतीक बन गई है। यह फिल्म 31 अक्टूबर को रिलीज़ होगी। इसका निर्देशन राजेश भुयान ने किया है और इसमें जॉय कश्यप, अचुरज्या बोरपत्र, मौसुमी अलीफा और यासश्री भुयान भी नजर आएंगे। संगीत में खुद जुबिन ने भी योगदान दिया था। अब यह फिल्म उनके जीवन और कला की आखिरी झलक बनकर सामने आने वाली है।
क्या वाकई हादसा था या रहस्य?
19 सितंबर को जुबिन समुद्र में तैरने गए थे और अचानक लहरों में लापता हो गए। कुछ घंटों बाद उनका शव किनारे मिला। पुलिस ने इसे हादसा बताया, पर फैंस के मन में सवाल हैं। उनके करीबियों का कहना है कि जुबिन बिल्कुल खुश थे, वे अपनी फिल्म और आने वाले प्रोजेक्ट्स को लेकर बेहद उत्साहित थे। ऐसे में उनकी अचानक मौत ने रहस्य पैदा कर दिया है।
क्या असम ने खो दिया अपना सुर?
जुबिन गर्ग को असम का ‘रॉक स्टार’ कहा जाता था। उन्होंने फिल्मों में गाया भी, अभिनय भी किया और संगीत बनाया भी। उनकी आवाज़ असमिया सिनेमा की पहचान बन चुकी थी। उनके गानों—‘या अली’, ‘मेरे राजा’ और ‘मोनी मोनी’—ने उन्हें घर-घर तक पहुंचाया। उनके जाने से असम की संगीत दुनिया जैसे सूनी पड़ गई है।
क्या फैंस ने सोशल मीडिया पर जताया प्यार?
जुबिन के फैंस ने सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें, वीडियो और गाने साझा कर श्रद्धांजलि दी। हर पोस्ट में दर्द था, लेकिन गर्व भी कि असम ने ऐसा कलाकार पैदा किया। लोग कह रहे हैं—“तुम चले गए, लेकिन तेरी आवाज़ अब भी हमारे साथ है।” असम के युवाओं ने कैंडल मार्च निकाला और उनके गाने गाकर उन्हें विदाई दी।
क्या ‘रूको’ अब हमेशा गूंजेगा?
‘रूको, मेरी नई फिल्म आ रही है’—ये शब्द अब अमर हो गए हैं। यह वाक्य अब हर उस इंसान के दिल में है जो कला और भावना को समझता है। जुबिन ने अपने संगीत से लोगों के दिलों में जगह बनाई थी, और अब यह नोट उनकी आत्मा की अंतिम गूंज बन गया है। असम कह रहा है—“रूके तो नहीं हो जुबिन, तुम बस सुरों में बदल गए हो।”

























