हम सभी ने बचपन से सुना होगा कि दांतों को मजबूत बनाने के लिए उचित देखभाल बहुत ज़रूरी है। इसीलिए, विशेषज्ञ भी हमेशा दिन में दो बार ब्रश करने की सलाह देते हैं। उचित दंत स्वच्छता न केवल दांतों को मजबूत बनाती है, बल्कि आपके मौखिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाती है। अच्छा मौखिक स्वास्थ्य बनाए रखना न केवल मुंह के लिए, बल्कि आपके शरीर के स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण है।
मौखिक स्वास्थ्य का हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में इस बारे में जानकारी सामने आई है। इस शोध के अनुसार, यदि आप अपने मौखिक स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखते हैं, तो आपको इसके कारण कई तरह की बीमारियाँ हो सकती हैं। AIIMS दिल्ली के डॉक्टरों द्वारा किए गए इस अध्ययन में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं-
क्या कहता है अध्ययन?
द लैंसेट रीजनल हेल्थ, साउथईस्ट एशिया में प्रकाशित इस अध्ययन में पाया गया है कि यदि मौखिक स्वास्थ्य का ठीक से ध्यान नहीं रखा जाता है, तो इससे कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, दांतों और मसूड़ों की रोजाना सफाई करनी चाहिए। सफाई का मतलब केवल कैविटी या सांसों की दुर्गंध से बचना नहीं है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य का ध्यान रखना है। अध्ययन के अनुसार, अगर मौखिक स्वास्थ्य खराब है, तो इससे कैंसर, हृदय रोग, मधुमेह, गर्भावस्था के दौरान जटिलताएँ और यहाँ तक कि अल्जाइमर जैसी जानलेवा बीमारियाँ भी हो सकती हैं। इसलिए, यह जानना ज़रूरी है कि स्वस्थ रहने के लिए मौखिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी ज़रूरी है।
स्वास्थ्य का ध्यान कैसे रखें?
– उचित मौखिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए दिन में दो बार ब्रश करें।
– ब्रश करने की सही तकनीक का इस्तेमाल करें। बहुत ज़ोर से ब्रश करने से बचें, क्योंकि इससे नुकसान हो सकता है।
– मौखिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए फ्लॉसिंग भी बहुत ज़रूरी है। इससे उन हिस्सों की सफाई होती है जहाँ ब्रश नहीं पहुँच पाता।
– आप दांतों और मसूड़ों को साफ़ रखने के लिए माउथवॉश का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
– मीठे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों का सेवन कम करें, क्योंकि चीनी हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ाती है।
– मुँह के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए खूब पानी पिएँ, जिससे अधिक लार बनेगी और बैक्टीरिया से लड़ने में मदद मिलेगी।
– एक ही टूथब्रश का लंबे समय तक इस्तेमाल करने से बचें। इसे हर 3-4 महीने में या जब ब्रिसल्स खराब हो जाएँ, तब बदल दें।
– धूम्रपान या तंबाकू से बचें। इससे मसूड़ों की बीमारी, मुँह के कैंसर और साँसों की दुर्गंध का खतरा बढ़ जाता है।

























