New Delhi: चंडीगढ़ में हरियाणा कांग्रेस के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल की बैठक में राहुल गांधी ने साफ शब्दों में कहा कि जीत के कई बाप होते हैं, हार का कोई नहीं होता। मैं, राहुल गांधी, हार की जिम्मेदारी लेता हूं। उन्होंने कहा कि जब विधानसभा चुनाव में नेताओं ने वोट प्रतिशत का राग अलापा था, तब मैंने कहा था कि वोट प्रतिशत मत बताओ, सच स्वीकार करो, हम जीत का खेल हार गए हैं। टिकट बंटवारे में विवाद को लेकर राहुल ने कहा कि विधानसभा चुनाव में प्रदेश में राजनीतिक असंतुलन देखने को मिला था, जो भविष्य में नहीं होगा। अगले दो महीने में प्रदेश को पूरा संगठन मिल जाएगा। सबसे पहले अध्यक्ष, विधायक दल का नेता तय होगा, फिर जिला अध्यक्ष तय होंगे। कल यानी 4 जून को चंडीगढ़ में राहुल गांधी की अध्यक्षता में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक हुई।
बैठक में हुड्डा-शैलजा समेत कई नेता मौजूद थे
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य ‘संगठन सृजन अभियान’ पर चर्चा करना और हरियाणा में जल्द ही संगठन खड़ा करना था। इस बैठक में केसी वेणुगोपाल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बैठक के बाद कुमारी शैलजा ने कहा कि हम लंबे समय से संगठन निर्माण का इंतजार कर रहे थे और अब जब राहुल गांधी स्वयं इस प्रक्रिया को इतनी गंभीरता से ले रहे हैं तो यह पूरे संगठन के लिए स्पष्ट संकेत है कि अब सभी को पूरी लगन और सक्रियता के साथ इसमें जुट जाना चाहिए। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य ‘संगठन सृजन अभियान’ पर चर्चा करना और हरियाणा में जल्द ही संगठन खड़ा करना था। इस बैठक में केसी वेणुगोपाल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बैठक के बाद कुमारी शैलजा ने कहा कि हम लंबे समय से संगठन निर्माण का इंतजार कर रहे थे और अब जब राहुल गांधी खुद इस प्रक्रिया को इतनी गंभीरता से ले रहे हैं तो यह पूरे संगठन के लिए स्पष्ट संकेत है कि अब सभी को पूरी लगन और सक्रियता के साथ इसमें जुट जाना चाहिए।
हुड्डा और शैलजा की गुटबाजी सुर्खियों में बनी हुई है
दरअसल, 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा के बीच गुटबाजी सुर्खियों में रही। दोनों के बीच गुटबाजी टिकट बंटवारे और नेतृत्व को लेकर थी। इसका कांग्रेस की रणनीति और प्रदर्शन पर बड़ा असर पड़ा। शैलजा ने दावा किया कि टिकट बंटवारे में उनके खेमे को नजरअंदाज किया गया जबकि हुड्डा के नेतृत्व वाले गुट को ज्यादा टिकट मिले। शैलजा खुद चुनाव लड़ना चाहती थीं, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया और उनके समर्थकों को भी प्रचार से दूर रखा गया। हुड्डा समर्थकों ने शैलजा के खिलाफ जातिवादी टिप्पणी की। हुड्डा ने जहां जाट वोटरों को एकजुट करने की कोशिश की, वहीं शैलजा की नाराजगी का असर दलित वोटों पर पड़ा, जिसका फायदा भाजपा को मिला।
हरियाणा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका
हरियाणा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। 8 अक्टूबर 2024 को आए नतीजों में कांग्रेस पार्टी को 37 सीटें मिलीं, जबकि सत्ताधारी पार्टी बीजेपी 48 सीटें जीतने में कामयाब रही। मतदान के तुरंत बाद आए एग्जिट पोल में बीजेपी हार रही थी और कांग्रेस पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बना रही थी, लेकिन नतीजे बिल्कुल उलट आए।

























