नई दिल्ली: महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मतदान आज सुबह से शुरू हो गया है। यह चुनाव 2024 के साल का आखिरी और सबसे बड़ा चुनावी मुकाबला है। महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर होने वाले इस चुनाव में सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महा विकास अघाड़ी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। महायुति में एकनाथ शिंदे की शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शामिल हैं, जबकि महा विकास अघाड़ी में शरद पवार की NCP, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और कांग्रेस का गठबंधन है।
एकनाथ शिंदे ने यह कहा
सत्तारूढ़ गठबंधन का दावा सत्तारूढ़ महायुति इस चुनाव को एक महत्वपूर्ण अवसर मानती है, क्योंकि यह उन तीनों पार्टियों के लिए अपना प्रभाव साबित करने का मौका है जिनके खिलाफ लोकसभा चुनाव में लोगों ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी। महायुति अपने लाभकारी योजनाओं, खासकर “लाड़ली बहन योजना” के प्रचार पर जोर दे रही है। एकनाथ शिंदे का कहना है कि उनकी सरकार की योजनाएँ हर वर्ग के लिए हैं।
महा विकास अघाड़ी को उम्मीद
विपक्षी गठबंधन का जोर विपक्षी महा विकास अघाड़ी को उम्मीद है कि यह चुनाव लोकसभा चुनाव के पैटर्न को दोहराएगा, जहां जनता ने राजनीतिक उथल-पुथल के बावजूद उनका समर्थन किया था। इसमें शिवसेना और NCP के विभाजन, उद्धव ठाकरे सरकार के गिरने और किसान व कल्याण योजनाओं के मुद्दे प्रमुख हैं। हालांकि, पार्टी के सूत्रों का कहना है कि चुनाव परिणाम मुख्य रूप से स्थानीय मुद्दों पर निर्भर करेंगे।
नेतृत्व पर अनिश्चितता दोनों पक्षों में शीर्ष पद को लेकर असमंजस की स्थिति है। महायुति में, एकनाथ शिंदे फिर से मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद लगाए हुए हैं, क्योंकि कई सर्वेक्षणों में उन्हें लोकप्रिय नेता माना गया है। लेकिन भाजपा के देवेंद्र फडणवीस, जो पिछली बार शीर्ष पद से चूक गए थे, इस बार अमित शाह के समर्थन से तैयार हैं।
उद्धव ठाकरे को भी मुख्यमंत्री पद की उम्मीद
विपक्षी महा विकास अघाड़ी में, उद्धव ठाकरे को भी मुख्यमंत्री पद की उम्मीद है, लेकिन कांग्रेस, जिसने लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था, वह अपनी स्थिति से पीछे हटने को तैयार नहीं है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने साफ कहा कि पार्टी के पास जितने विधायक होंगे, वही मुख्यमंत्री पद का हकदार होगा। झारखंड चुनाव की स्थिति झारखंड में चुनावों के दूसरे चरण में 38 सीटों पर मतदान हुआ।
इस चुनाव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और विपक्षी नेता अमर कुमार बाउरी की किस्मत तय होगी। 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM ने 30 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को 25 सीटें मिली थीं। JMM-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने कुल 47 सीटों के साथ सत्ता में बहुमत हासिल किया था। नतीजों पर नजर दोनों राज्यों में चुनाव परिणामों का फैसला शनिवार को होगा, और यह स्पष्ट करेगा कि अगले पांच वर्षों तक कौन सत्ता में रहेगा।

























