नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले पॉडकास्ट में अपनी राजनीतिक यात्रा के महत्वपूर्ण क्षणों के बारे में बात की, जिसमें 2002 के गोधरा दंगों के दौरान उनके अनुभव और 2005 में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा उन्हें वीजा देने से इनकार करने का निर्णय शामिल है। जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ द्वारा होस्ट किया गया पॉडकास्ट शुक्रवार को जारी किया गया। 2002 के गोधरा दंगों से जुड़ी घटनाओं को याद करते हुए मोदी ने कहा, “24 फरवरी 2002 को मैं पहली बार विधायक बना और 27 फरवरी को मैं विधानसभा गया।
जब गोधरा में ऐसी घटना हुई, तब मैं तीन दिन पुराना विधायक था। हमें सबसे पहले ट्रेन में आग लगने की खबरें मिलीं, फिर धीरे-धीरे हमें हताहतों की खबरें मिलने लगीं। मैं सदन में था और मुझे चिंता थी। जैसे ही मैं बाहर आया, मैंने कहा कि मैं गोधरा जाना चाहता हूं।”
किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा
प्रधानमंत्री ने बताया कि घटनास्थल पर पहुंचने में उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा। “वहां केवल एक ही हेलीकॉप्टर था… मुझे लगता है कि यह ONGC का था, लेकिन उन्होंने कहा कि चूंकि यह सिंगल इंजन है, इसलिए वे किसी वीआईपी को इसका इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दे सकते। हमारे बीच बहस हुई और मैंने कहा कि जो कुछ भी होगा उसके लिए मैं जिम्मेदार होऊंगा” उन्होंने कहा कि
मैं गोधरा पहुंचा और मैंने वह दर्दनाक
“मैं गोधरा पहुंचा और मैंने वह दर्दनाक दृश्य, वे लाशें देखीं। मैंने सब कुछ महसूस किया, लेकिन मुझे पता था कि मैं ऐसी स्थिति में बैठा था जहाँ मुझे अपनी भावनाओं और स्वाभाविक प्रवृत्तियों से दूर रहना था। मैंने खुद को नियंत्रित करने के लिए जो कुछ भी कर सकता था, किया,” उन्होंने कहा।
इनकार करने के फैसले पर भी चर्चा
2005 में अमेरिकी सरकार द्वारा उन्हें वीजा देने से इनकार करने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा: ‘चुनी हुई सरकार और देश का अपमान’ पॉडकास्ट के दौरान मोदी ने 2005 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए अमेरिकी सरकार द्वारा उन्हें वीजा देने से इनकार करने के फैसले पर भी चर्चा की। इस घटना पर बात करते हुए उन्होंने कहा, “जब अमेरिकी सरकार ने मुझे वीजा देने से इनकार किया था, तब मैं विधायक था। एक व्यक्ति के तौर पर अमेरिका जाना कोई बड़ी बात नहीं थी, मैं पहले भी वहां गया था; लेकिन मुझे एक चुनी हुई सरकार और देश का अपमान महसूस हुआ और मेरे मन में दुविधा थी कि आखिर हो क्या रहा है।”
मैंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की
उन्होंने आगे कहा, “उस दिन मैंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें मैंने कहा कि अमेरिकी सरकार ने मेरा वीजा खारिज कर दिया है। मैंने यह भी कहा कि मैं एक ऐसा भारत देख रहा हूँ, जहाँ दुनिया वीजा के लिए कतार में खड़ी होगी। यह मेरा 2005 का बयान है और आज हम 2025 में खड़े हैं। इसलिए, मैं देख सकता हूँ कि अब समय भारत का है।”
मिशन लेकर आना चाहिए
उन्होंने भारत से जुड़े बदलावों पर जोर देते हुए कहा, “मैं सार्वजनिक रूप से कहा करता था – ‘आपको भारत वापस न आने का पछतावा होगा। कम से कम यहां तो पैर रखो, युग बदलने वाला है।’ बातचीत में मोदी ने नेतृत्व पर भी बात की और माना कि गलतियाँ इंसान होने का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा, “गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर एक भाषण में मैंने कहा था कि गलतियाँ होती हैं और मैं भी कुछ गलतियाँ कर सकता हूँ। मैं भी इंसान हूं, भगवान नहीं।” प्रधानमंत्री ने राजनीति में अच्छे लोगों के प्रवेश की वकालत करते हुए इस बात पर जोर दिया कि, “उन्हें महत्वाकांक्षा नहीं, बल्कि मिशन लेकर आना चाहिए।”

























