दिग्गज रोहित शर्मा और विराट कोहली भारत के लिए प्रतिष्ठित खिलाड़ी बने हुए हैं, लेकिन उनके हालिया प्रदर्शन ने टेस्ट सेटअप में उनकी भूमिका को लेकर बहस छेड़ दी है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर सीरीज़ समाप्त हो गई है, जिसमें टीम इंडिया को 3-1 से निराशाजनक हार का सामना करना पड़ा।
पांच मैचों में से भारत को सिर्फ एक में जीत मिली, जबकि एक मैच ड्रॉ रहा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली हार ने सीनियर खिलाड़ियों विराट कोहली और रोहित शर्मा के प्रदर्शन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
कभी भारतीय बल्लेबाजी क्रम के स्तंभ रहे विराट और रोहित दोनों ही पिछले कुछ सालों में निरंतरता के लिए संघर्ष करते रहे हैं, जिससे यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या अब उन्हें लंबे प्रारूप से हट जाना चाहिए। पिछले पांच सालों में विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट रिकॉर्ड पर एक नज़र डालते हैं।
रोहित शर्मा की फॉर्म में गिरावट
सिडनी टेस्ट के लिए रोहित शर्मा को प्लेइंग इलेवन से बाहर किए जाने पर सवाल उठे। हालांकि आधिकारिक तौर पर कहा गया कि यह निर्णय “टीम के हित में” लिया गया था, लेकिन कई लोगों ने कप्तान को बाहर किए जाने के पीछे के कारणों के बारे में अटकलें लगाई हैं। जनवरी 2020 से दिसंबर 2024 के बीच, रोहित ने 63 पारियां खेलीं, जिसमें 36 की औसत से 2,160 रन बनाए। उन्होंने इस दौरान छह शतक लगाए हैं, जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 161 रहा है। हालांकि, इनमें से अधिकांश रन घरेलू परिस्थितियों में आए हैं, जो विदेशों में उनके निरंतर संघर्ष को दर्शाता है।
विराट कोहली का असंगत प्रदर्शन
विराट कोहली का फॉर्म भी निराशाजनक रहा है। जनवरी 2020 से दिसंबर 2024 तक, उन्होंने 38 टेस्ट मैचों में 67 पारियां खेली हैं, जिसमें 31.33 की औसत और 49.26 की स्ट्राइक रेट से 2,005 रन बनाए हैं। कोहली इस अवधि में केवल तीन शतक ही लगा पाए हैं, जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 186 रहा है। समान मैच प्रदर्शन के बावजूद, कोहली के आंकड़े रोहित की तुलना में और भी गिर गए हैं, जिससे प्रशंसक उनके फॉर्म को लेकर चिंतित हैं।

























