ब्रैम्पटन कनाडा. ब्रैम्पटन स्थित एक हिंदू मंदिर में सोमवार को हुए प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए एक भारतीय मूल के व्यक्ति पर सार्वजनिक रूप से नफरत भड़काने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने 57 वर्षीय रणेंद्र लाल बनर्जी, निवासी टोरंटो को गिरफ्तार किया और उन्हें शर्तों के साथ रिहा कर दिया। अब उन्हें बाद में ब्रैम्पटन कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया गया है।
पुलिस की जांच और वीडियो साक्ष्य
पील रीजनल पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान हुई कई अपराधों की जांच की जा रही है, जिनमें से कई घटनाएं वीडियो में कैद हुई हैं। एक वीडियो में एक व्यक्ति को लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करते हुए हिंसा भड़काते हुए देखा गया, जिसमें वह सिख मंदिरों को आक्रमण करने की अपील कर रहा था। पुलिस ने इसे गंभीर अपराध माना और मामले की जांच जारी रखी है।
वांछित अभियुक्तों पर कार्रवाई
इसके अलावा, पुलिस ने किचनर के 24 वर्षीय अरमान गल्होत और बिना स्थायी पते के 22 वर्षीय अरपित के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया है। इन दोनों पर हत्या या शारीरिक हानि की धमकी देने, हथियार से हमले की साजिश रचने और उपद्रव करने की साजिश रचने का आरोप है। पुलिस ने उन्हें कानूनी सलाह लेने और आत्मसमर्पण करने की सलाह दी है।
प्रदर्शन और हिंसा का माहौल
यह प्रदर्शन सोमवार की रात ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर पर हुआ, जब एक बड़ी भीड़ ने विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने इसे तब अवैध घोषित कर दिया जब भीड़ में हथियार देखे गए। यह प्रदर्शन रविवार को हुए उस घटनाक्रम के एक दिन बाद था, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने खालिस्तान झंडे लेकर मंदिर में घुसपैठ की थी।हजारों भारतीय हिंदू कनाडा में बढ़ती धार्मिक हिंसा के खिलाफ एकजुट हुए थे और उन्होंने ट्रूडो प्रशासन से हिंदू मंदिरों पर हमलों को रोकने के लिए सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
पुलिस का बयान
पुलिस ने कहा कि वह कनाडा के अधिकारों और स्वतंत्रता के चार्टर के तहत व्यक्तियों के विरोध करने के अधिकार का सम्मान करती है, लेकिन हिंसा, धमकियों और उपद्रव को बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा। पुलिस ने उन सभी का धन्यवाद किया जिन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन में भाग लिया।

























