वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति-निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी आने वाली सरकार के लिए सोमवार को माइक वॉल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में नामित किया। माइक वॉल्ट्ज फ्लोरिडा से कांग्रेसी हैं और भारत कॉकस के सह-अध्यक्ष भी हैं। इस नियुक्ति को भारत के साथ संबंधों में मजबूती के रूप में देखा जा रहा है।
50 वर्षीय वॉल्ट्ज एक पूर्व सेना कर्नल हैं और अमेरिकी सेना की विशेष बल इकाई ग्रीन बेरेट में सेवा कर चुके हैं। उन्होंने 2019 में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के सदस्य के रूप में कार्यभार संभाला था।
जो बाइडन की विदेश नीति के आलोचक
वॉल्ट्ज वर्तमान में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की सशस्त्र सेवाएँ समिति, विदेश मामलों की समिति और खुफिया समिति के सदस्य हैं। उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडन की विदेश नीति की आलोचना करते हुए यूरोप से आग्रह किया है कि वह यूक्रेन का समर्थन बढ़ाए और अमेरिका को भी इसमें सख्ती दिखाने की आवश्यकता पर बल दिया है। यह ट्रंप प्रशासन के विदेशी नीति के उद्देश्यों के साथ मेल खाता है।
वॉल्ट्ज ने अफगानिस्तान से 2021 में अमेरिकी सेना की वापसी को लेकर भी बाइडन प्रशासन की कड़ी आलोचना की है और ट्रंप की नाटो सहयोगियों को रक्षा खर्च बढ़ाने के लिए प्रेरित करने की नीति की सराहना की है। हालांकि, ट्रंप की तरह उन्होंने नाटो से अमेरिका के बाहर निकलने का समर्थन नहीं किया है। वॉल्ट्ज का कहना है, “हम मित्र और सहयोगी बन सकते हैं और कठिन मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।”
चीन पर सख्त रुख और इंडो-पैसिफिक सुरक्षा
वॉल्ट्ज रिपब्लिकन पार्टी के चीन कार्य बल में भी सक्रिय हैं। उन्होंने अमेरिकी सैन्य तैयारी पर चिंता व्यक्त की है और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में संभावित संघर्ष के लिए अमेरिका की तैयारी को अपर्याप्त बताया है। उन्होंने अपने इरादे स्पष्ट किए थे कि वह ट्रंप प्रशासन में सेवा देने के इच्छुक हैं और पेंटागन का नेतृत्व करने के संभावित उम्मीदवार माने जा रहे थे। भारत के लिए यह नियुक्ति महत्वपूर्ण है क्योंकि माइक वॉल्ट्ज प्रतिनिधि सभा में भारत कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। यह कॉकस अमेरिकी कांग्रेस में किसी देश से जुड़े सबसे बड़े समूहों में से एक है और अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूत करने की दिशा में काम करता है।
अन्य प्रमुख नियुक्तियां
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी नई सरकार के लिए प्रमुख नियुक्तियों की घोषणा तेजी से की है। उन्होंने व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में सुसान वाइल्स को चुना है, जो इस पद पर पहुंचने वाली पहली महिला होंगी। ट्रंप ने वरिष्ठ सलाहकार के रूप में स्टीफन मिलर को नामित किया है, जो एच-1बी वीजा कार्यक्रम के खिलाफ जाने-माने आलोचक रहे हैं। ट्रंप की चुनाव जीत के बाद से वरिष्ठ स्टाफ की टीम में तेजी से शामिल हो रहे हैं, जिसमें ‘बॉर्डर जार’ के रूप में टॉम होमन, संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत के रूप में एलिस स्टेफानिक, और पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के प्रशासक के रूप में ली जेल्डिन का नाम भी शामिल है।
दोनों देशों में नए आयाम जोड़ने की उम्मीद
माइक वॉल्ट्ज की नियुक्ति भारत के साथ बढ़ते संबंधों में एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है। भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए यह नियुक्ति गर्व का विषय है, और यह उम्मीद जताई जा रही है कि वॉल्ट्ज की अगुवाई में भारत और अमेरिका के रणनीतिक संबंधों में नए आयाम जुड़ेंगे।

























