National New: खालिस्तान समर्थक संगठन “सिख फॉर जस्टिस” (SFJ) ने एक बार फिर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भड़काऊ अभियान शुरू किया है। इस बार SFJ ने कहा है कि वह G7 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अभियान शुरू करेगा। जब प्रधानमंत्री मोदी कनाडा में होंगे, तो पन्नू अपने खालिस्तानी समर्थकों के साथ उन्हें घेरने और विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहा है।
आतंकी पन्नू ने जारी किया वीडियो
एसएफजे आतंकी पन्नू ने कनाडा के पूर्व केंद्रीय बैंक प्रमुख और संभावित प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मार्क कार्नी का शुक्रिया अदा करते हुए एक वीडियो जारी किया है। इसमें उसने कहा है कि उसके प्रयासों की वजह से ही प्रधानमंत्री मोदी कनाडा आ रहे हैं और इससे उसे घेरने का मौका मिला है। संगठन का दावा है कि वे जी7 शिखर सम्मेलन में नरेंद्र मोदी को घेरेंगे और उन पर हरदीप निज्जर की हत्या का झूठा आरोप लगाएंगे।
पढ़िए क्या है एसएफजे की योजना.
प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवादी और खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का “आदेश” दिया था। खालिस्तान जनमत संग्रह से जुड़े नेताओं पर हत्या की साजिश रचने का झूठा आरोप लगाया। पाकिस्तान में मस्जिदों पर भारत के हमलों (जिसकी आड़ में आतंकवादी शिविर चलाए जा रहे थे) के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर के तहत विरोध प्रदर्शन।
भारत में आतंकी पन्नू के खिलाफ यूएपीए मामला दर्ज
हालांकि, भारत सरकार ने पहले ही एसएफजे को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर रखा है और इसे अलगाववादी और भारत विरोधी दुष्प्रचार करने वाला समूह माना जाता है। इसके अलावा, आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर पंजाब के युवाओं को चंद रुपयों का लालच देकर उनसे खालिस्तानी नारे लिखवाता है और कभी बाबा साहब अंबेडकर की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाकर आपसी सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश करता है।
निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के बीच दूरी
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण हैं। इस मामले में कनाडा ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया था। अब एसएफजे द्वारा जी7 सम्मेलन जैसे वैश्विक मंच पर इस मुद्दे को उठाने की कोशिश दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है। दोनों देशों के बीच शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा एजेंसियां एसएफजे की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं और संभावना है कि प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान किसी भी विरोध प्रदर्शन से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की जाएगी।

























