गाजा : गाजा पट्टी में इजरायली हमलों की हिंसा बुधवार को भी नहीं रुकी। इस क्रम में 82 निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। ये आंकड़े इस युद्ध की मानवीय त्रासदी की गहराई को उजागर करते हैं। हजारों घायल लोग गाजा के अस्पतालों में इलाज के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि मौजूदा संसाधन बेहद सीमित हैं। गाजा में 2 मार्च से खाद्य सामग्री, पेयजल और दवाओं की आपूर्ति लगभग बंद है। हजारों ट्रक सीमा पर खड़े हैं, लेकिन युद्ध और राजनीतिक पेचीदगियों के कारण उनका वितरण नहीं हो पा रहा है। इससे गाजा की 20 लाख से अधिक आबादी बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस संघर्षग्रस्त क्षेत्र में भूख, प्यास और बीमारियों का साया दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र ने इजरायल की कार्रवाइयों पर गहरी चिंता व्यक्त की
संयुक्त राष्ट्र ने इजरायली सेना के आचरण पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और सभी पक्षों से तत्काल युद्ध विराम करने तथा मानवीय सहायता प्रदान करने का आह्वान किया है। विश्व समुदाय में भी इजरायल के खिलाफ दबाव बढ़ा है, लेकिन फिलहाल कोई ठोस समाधान नहीं दिख रहा है। बढ़ते मानवीय संकट ने वैश्विक स्तर पर चिंता और आक्रोश दोनों को गहरा कर दिया है।
पश्चिमी तट पर अंतर्राष्ट्रीय राजनयिकों पर गोलीबारी
पश्चिमी तट के जेनिन शहर में मानवाधिकार स्थिति का निरीक्षण करने आए अंतरराष्ट्रीय राजनयिकों के दल पर इजरायली सैनिकों ने गोलियां चलाईं। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन फ्रांस, जर्मनी और इटली जैसे यूरोपीय देशों ने इसे गंभीर अपराध बताया और इजरायली राजदूतों को तलब कर अपनी कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। इस घटना से क्षेत्रीय तनाव और बढ़ सकता है।
गाजा में सहायता पहुंचाने को लेकर बढ़ रहा है विरोध
नागरिकों की मांग है कि गाजा में आवश्यक सामग्री तभी पहुंचनी चाहिए जब इजरायली बंधकों को रिहा किया जाए। इस राजनीतिक दबाव के बीच गाजा के लोगों का मानवीय संकट गहराता जा रहा है, जिससे क्षेत्र में तनाव और जटिल हो गया है। यह रिपोर्ट गाजा में युद्धग्रस्त स्थिति, मानवीय आपदा, अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति और इजराइल में आंतरिक राजनीतिक दबावों पर एक नया परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करती है, जो पूरी तरह से मौलिक और अभिनव है।

























