International News: इज़राइली फाइटर जेट्स ने शुक्रवार रात ईरान की सीमा में घुसकर कई अहम ठिकानों को निशाना बनाया। सूत्रों के मुताबिक, हमले खासतौर पर ईरान के संवेदनशील परमाणु ठिकानों पर केंद्रित थे—जिनमें नतांज़ और फोर्डो शामिल हैं। ईरानी सरकारी मीडिया ने इस पर चुप्पी साध रखी है, लेकिन सैटेलाइट तस्वीरों और चश्मदीदों ने विस्फोटों की पुष्टि कर दी है। यह हमला उस ड्रोन समर्थन के जवाब में माना जा रहा है, जो ईरान ने हाल ही में हिज़्बुल्ला को दिया था।
ईरान का जवाबी हमला
हवाई हमलों के कुछ घंटों बाद ही ईरान ने 100 सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें इज़राइल पर दागीं। इनमें से कई मिसाइलें इज़राइल की वायु रक्षा प्रणाली ‘आयरन डोम’ द्वारा इंटरसेप्ट की गईं, लेकिन कुछ दक्षिणी इलाकों में गिरीं और भारी नुकसान हुआ। तेहरान ने इसे “नियंत्रित जवाबी कार्रवाई” बताया और चेतावनी दी कि यदि इज़राइल ने हमले जारी रखे, तो परिणाम “विनाशकारी” हो सकते हैं।
विश्व शक्तियों की अपील, लेकिन तनाव कायम
अमेरिका, फ्रांस और रूस जैसे वैश्विक शक्तियों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। वॉशिंगटन ने भले ही इज़राइल के आत्मरक्षा के अधिकार को स्वीकार किया है, लेकिन साथ ही परमाणु संयंत्रों पर हमले से बचने की सलाह भी दी है। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि यदि ऐसे सैन्य अभियान जारी रहे, तो इससे परमाणु रेडिएशन फैलने का खतरा है। यूरोपीय यूनियन मध्यस्थता के प्रयास कर रहा है, जबकि जर्मनी और ब्रिटेन ने अपने नागरिकों को यात्रा न करने की चेतावनी दी है।
साइबर हमले और ड्रोन मिशन
इज़राइली खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि हवाई हमलों से पहले ईरान की वायु रक्षा प्रणाली को हैक किया गया। इसके अलावा कई ड्रोन भेजे गए जो लाइव निगरानी कर रहे थे।
ईरान ने साइबर हमले की पुष्टि नहीं की, लेकिन संचार तंत्र में अस्थायी गड़बड़ी की बात मानी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस युद्ध में अब AI और स्पेस टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल हो रहा है।
मध्य पूर्व में हड़कंप
इस संघर्ष के चलते पूरे क्षेत्र में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। इराक और सीरिया में ईरान समर्थक गुटों ने इज़राइल और अमेरिका को चेतावनी दी है। इज़राइल ने अपने रिज़र्व सैनिकों को तैनात कर दिया है। लेबनान बॉर्डर पर टैंक मूवमेंट देखी गई है। मिस्र ने सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी है, जबकि कुवैत और बहरीन ने भी अपनी सेनाओं को अलर्ट पर रखा है।
परमाणु खतरे की आशंका
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यदि लड़ाई परमाणु ठिकानों के आसपास बढ़ती है, तो स्थिति भयावह हो सकती है। एक छोटी सी चूक भी बड़े रेडिएशन संकट में बदल सकती है।
IAEA ने अब तक मौके का मुआयना नहीं किया है, जिससे चिंता और बढ़ गई है। आम नागरिक दहशत में हैं और ईरान के कई शहरों में बंकर निर्माण शुरू हो गया है।

























